‘माँ’ शब्द शादी से पहले मेरे लिए सिर्फ मेरी माँ से संबन्धित था, और उनही के चारो तरफ मेरी दुनिया घूमती थी, पर शादी के बाद माँ बनना मेरे लिए एक ज़िम्मेदारी, एक अपनत्व और मेरी दुनिया ही बन गया।
हमारी शादी 10 दिसंबर वर्ष 2017 को हुई। हम दोनों को ही बच्चे बहुत पसंद थे, और इसीलिए हमने इस एहसास को पूर्ण करने के लिए वर्ष 2018 में कदम बड़ाये। परंतु ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था, और 4 महीने बाद मेरा miscarriage हो गया। जिसके बाद मुझे माँ बनना एक चुनौती लगने लगा था।
इस चुनौती का कारण यह था की मेरी मेडिकल रिपोर्ट के अनुसार मुझे मधुमेह और थ्योरोइड दोनों ही थे, इन बीमारियों की वजह से मेरा माँ बनना मेरे लिए, मेरे पति के लिए और साथ ही साथ मेरे डॉक्टर के लिए एक चुनौती बन गया था।
मेरी डॉक्टर ने साफ साफ कह दिया था की जब तक मेरे शुगर लेवेल नियंत्रित नहीं होते तब तक माँ बनने की सोचना भी नहीं, अन्यथा यह मेरे लिए और मेरे बच्चे के लिए अति गंभीर हो सकता है।
यहा पर आकर के मेरे पति और मेरी जीवन की सबसे बड़ी खुशियों को मानो ग्रहण लग गया, पर कहते है न ग्रहण के बाद फिर उजाला होता है ठीक वैसे ही 6 महीने के कठिन जीवन शैली, व्यायाम, डॉक्टर की सलाह और वैष्णो देवी की कृपा से मुझे दुबारा माँ बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
पूरे नौ महीने मेरे लिए एक परीक्षा के समान व्यतीत हुए। रोज इंसुलिन की डोज़, दवाइयाँ, सख्त जीवन शैली और साथ ही साथ ऑफिस संभालना एक कठिन कार्य था , परंतु मेरे हमसफर मेरे पति ने मेरा पूरा सहयोग किया, जो खाना हम खाते थे, वही वो भी लेते थे, मेरे कारण मेरे पति ने अपनी जीवन शैली बिलकुल बादल ली।
पांचवे महीने मेरी गोदभराई की रसम हुई, मेरे परिवार वाले, मेरे अपने, मेरे इष्ट जन बहुत खुश हुए। मेरे पति और मेरे मन को अब जाके थोड़ा संतोष हुआ की हमारा सपना अब सच होने वाला है।
आठवे महीने हमने अपने इस पल को सदा अपनी यादों में जीवंत रखने के लिए Deys Photography से Pre-maternity shoot भी कराया, जो सच में अद्भुत था।
धीरे-धीरे नौ महीने पूरे हो गए, डॉक्टर ने 9 जनवरी 2021 को रात में अस्पताल मे एड्मिट किया, क्योकि मेरे लैबर पैन शुरू हो गए थे , इसलिए डॉक्टर ने सामान्य प्रसव करने के लिए पूरी तैयारी शुरू कर दी। पर जैसे पहले भी हमने कहा था की ये मेरी परीक्षा थी, तो 9 घंटे के तीव्र दर्द सहने के बाद भी डिलीवेरी संभव न हो सकी। इसके साथ ही मेरा शुगर लेवेल तेज़ी से घटना और हृदय गति तीव्र होती जा रही थी। डॉक्टर ने आनन फानन में मुझे ऑक्सिजन लगाई और ऑपरेशन रूम में ले जाने के लिए मेरे पति से बात की। मेरे पति और परिवार के सभी सदस्य काफी डर गए, की न जाने आगे क्या हो। डॉक्टर ने तुरंत अपने स्टाफ और सरजन डॉक्टर के साथ मिलकर मेरा ऑपरेशन किया....।
और.... वो पल, जब डॉक्टर ने मेरे बच्चे को मुझे दिखाया, मेरे गाल से उसके गाल को लगाया, तब मेरे सपने को साकार रूप मिला। मेरी आंखो में अब तक दर्द से आँसू बह रहे थे, परंतु अपने बच्चे की छुअन से अब मेरी आंखो से संतोष और खुशी के आँसू बहे ही जा रहे थे। जब मेरे पति और मैंने एक साथ बच्चे को देखा, और डॉक्टर ने हुमे माँ पिता बनने की बधाई दी तब जाके हमे इस परीक्षा को पास करने की खुशी मिली।
मेरी नन्ही परी, वैष्णो देवी के आशीर्वाद के रूप में आयी, इसलिए हमने अपनी नहीं परी का नाम वैष्णवी रखा। असल में 10 जनवरी 2021 मेरी बेटी के जनम के साथ साथ मेरा भी एक नया जीवन लेकर आया।
यही मेरी कहानी है, मेरी माँ बनने की यात्रा ...
DR.PURNIMA SHARMA
RA, PCI-SSI Division
Central Pollution Control Board
Delhi-110032